तोड़ दे ये फोड़ दे जुठा भरम जो कोई है !!!
अरे ओ इमोशनल खुद भी जलो जलोंगे !! दुनिया प्रेक्टिीकलो की है !!
ये रुक कर पुराने ये सांसो का जीना यही है मदीना मदीना मदीना
-----
खजाना क्या करे संभाला नही जाता ,
निकाले जा अशरफी चैन लेता जा
जैसी है वैसी उसीकी है दुनिया
आशिक जो ठहेरे उसीके ! करे क्या ! !
---
समजेंगे एक दिन वो शायद
जिद में उम्र को खोया है !!
----
समजाकर शेर को मारा है ,
इसी बेवकूफी सराही नही जाती
---
शुकर रुलाकर याद दिलाया
फांसले अभी बाकि है !!
---
अरे कोई धून में खो जाना
क्या इल्म है जालिम !!
शराबे गुमसुदा में रोकना
क्या फक्र समजेगा !!
---
तरस खायेंगे एक दिन
इसी आश में खोते रहे है उम्र को !
जाते जाते कह रहे है ये सभी ,
हंस दिए लो कह दिया कुछ भी नही
ऐ आतमजी तुम ही प्रकाशो अंतरमे शिव राम ..
ए आतम जी
में जोयो हरी अन्तर केरो ऐ अणु ओ नो भारो
राम राम करी ऐ चाल्यो छे शिव संकल्प तमारो
बस अन्तर करी हे शिव सारो पुण्य प्रकाश तमारो मारो..ऐ अतामजी
मन की वेदना देख खुली छे जल जल पल पल तारो
क्या जाऊ शिद काम करीने एज हरी पर थारो
चलो एक आ चीज़ मिली छे कोई न आपी जाणो
मन मन्दिर की वीणा सरखी जब जी चाहे बजालो ...ऐ आतमजी
ए यहाँ जाने ये कहा हम कौन कहे कुछ पायो
मोरो पागल मोरो महिमा क्या पायो क्या गवायो
ले हरी अब मै मुस्कयो अब कैसो तू फसायो फसायो ...ऐ आतमजी