Sunday, March 22, 2009

फानी दुनिया तो आनि जानी है

जाते जाते कह रहे है ये सभी । 
हंस दिए लो कह दिया कुछ भी नही ।
मरनेवाले कभी तो कहेते है नासमज को ये तुम न समजाओ ।
उसकी दुनिया तो बस ये दुनिया है ! 
उल्जी बातो पे न तरस खाओ । ....
वो आसमा पे सिकंदर कभी तो रोता है । 
मिला है क्या जो कहेते हुए यु रोया है ।
ऐसी दुनिया को आजमाओ ना !
खुल के रोना नही तो हंस डालो ।
अपनी मस्ती को न डुबो डालो । .....
मिला कोई वोही है जो समंदर है । 
जो न खोया हुआ ढूंढे उसे ही खो डालो ।
इश्क के है अजब ये मयखाने । 
पीने वालो की न तरस खाओ । ....
गजब के जुल्म तू कर ले तेरी ये बारी है ।
 बंधे जो बनके रहे है तू ही कुवारी है ।
लगी जो है जो लगे वो किसीकी ढाई है ।
 ऐसी बातो की रात आई है ।
वक्त ने दी हुई दुहाई है । ....
किसीने सच ये कहा था बहे जाओ न कही ।
 सफर ये अपनी अपनी है न सम जाओ ।
चोट गहेरी न लगे । 
सर सैर जरा समजा लो ।
फानी दुनिया तो आनी जानी है ।
 वक्त ने दी ये महेरबानी है । ....


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