Saturday, September 19, 2009

किक क्या चीज़ है!

किक क्या चीज़ है! समजने की यह बात है !! कुछ लोग इतने खो जाते है खयालोमे की उनकी खुद की आंखोमे आंसू आ जाते है !! ऐसी किक में जीता रहता है इमोशनल फिलोसोफेर !!! लेकिन एक पराकाष्टा ऐसी आती है जहा उसे कोई प्रश्न नही रहते वहा आध्यात्मिकताकी स्थिति बन जाती है !!

जिसे बाटना जरुरी लगे वो किक महेफिल है यारो
जो खुदबखुद महेफिल ही हो उसे समजाये कैसे !!


इसीलिए एकबार यह भी कहा है


इतना न खोजना मेरे यार के ख़ुद ही को भुलादे
किक वालोको कब ठेस लगे समजा नही जाता
तैरते रहते है अनाडी जिसे खोना नही आता !!
जो ज्यादा इमोशनल है उन्हें कब बुरा लगे समज में ज्यादा तर लोग को नही आता !! किंतु राजकीय धर्मनेता और शिक्षा के बड़े स्थान पर विराजित प्रेक्टिकल  लोग युही तैरते रहते है !! इनको डूबकर पुरी किक तक पहुचना 
जरूरी नही लगता है इसीलिए तैरते रहते है !
वो महान बन जाते है और पैसे यश वगैरह इकठ्ठा करते रहते है और करते रहेंगे !!
इसीलिए तो कई लोगो  ने इमोशन में जिंदगी गवाई है फिरभी कहते है आजमाना है !!!