Sunday, March 29, 2009

आध्यात्मिक त्याग वैराग का शराब !!

आदम का एक शेर है जो दुनिया से परेशां के लिए


ज़ुल्मतों से मत डर की रास्तेमे रौशनी हैशराब खाने की !!

गोपाल बना !


बस गोपाल बना बस था जो वोही !

बेकार कहा ये सफर पाई !!

लो बन गए राम

लो बन गया राम अब कोई कम नही
अब शाम नही संसार नही
जिन्दा मरकर कोई नाम नही
पत्थर को पूजे ये दुनिया जो
जिन्दा रह अपमान सही !!
----
समज शके न वो माया है ,समज शके वो पास
रहे अनेक जो तेरे है कोई अनाथ नही है !!
===
ज़ुल्म कर तू ज़ुल्म कर इतना नही कुछ और कर !
इतना बरस सैलाब में दिल डूब जाए उम्र भर !!
---
समजा सका नही पाउँगा मै प्यार को बह जाऊंगा
ऐसी गजब की रात बन मै दिल नही बन पाउँगा !!
---
तू कोई है अब वो नही अब आखरी क्या राज़ है ?
घर में तुम्हारे क्यो रहू लो दूर से आवाज़ है !!
સુખ થી સગવડ મળે છે શાંતિ નહીં
દુઃખ અગવડો ને કારણે છે પછી શાંતિ કયા થી ?
સગવડ માટે અશાંતિ ઉભી કરી તો દુઃખ આવ્યું !!
અગવડો ચલાવી લેતા અશાંતિ વધી!!
तो फिर चलो सगवड़ ही करे  
भले अशांति हो

अवरोधम सततं खलु राग जरा संभाल रे

Sunday, March 22, 2009

फानी दुनिया तो आनि जानी है

जाते जाते कह रहे है ये सभी । 
हंस दिए लो कह दिया कुछ भी नही ।
मरनेवाले कभी तो कहेते है नासमज को ये तुम न समजाओ ।
उसकी दुनिया तो बस ये दुनिया है ! 
उल्जी बातो पे न तरस खाओ । ....
वो आसमा पे सिकंदर कभी तो रोता है । 
मिला है क्या जो कहेते हुए यु रोया है ।
ऐसी दुनिया को आजमाओ ना !
खुल के रोना नही तो हंस डालो ।
अपनी मस्ती को न डुबो डालो । .....
मिला कोई वोही है जो समंदर है । 
जो न खोया हुआ ढूंढे उसे ही खो डालो ।
इश्क के है अजब ये मयखाने । 
पीने वालो की न तरस खाओ । ....
गजब के जुल्म तू कर ले तेरी ये बारी है ।
 बंधे जो बनके रहे है तू ही कुवारी है ।
लगी जो है जो लगे वो किसीकी ढाई है ।
 ऐसी बातो की रात आई है ।
वक्त ने दी हुई दुहाई है । ....
किसीने सच ये कहा था बहे जाओ न कही ।
 सफर ये अपनी अपनी है न सम जाओ ।
चोट गहेरी न लगे । 
सर सैर जरा समजा लो ।
फानी दुनिया तो आनी जानी है ।
 वक्त ने दी ये महेरबानी है । ....