Monday, September 27, 2010

जीवन बरसात

बस चलना ये जिंदगी का देखो मेरे सोने से भी न रुकती है ! सुना है बुठ्ठोसे ये पहेले से ही है मेरे आने से पहेले जाने के बाद और आज भी !! क्या ये बरसात है जो थमी ही नहीं !! बुँदे कई आ आ कर चल दी है फिर भी ये थमी तो नहीं


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