Wednesday, September 15, 2010

कल्पना

कल्पना ये अच्छी लगती है फिर भी हकीकत तो हकीकत है
खयालों में इतने न बह जाओ ये तो बड़ी बीमारी है

कल्पना की चाल में दुनिया तेरी भी कोई चाल  है !
आईने में मै दिखता हु पर वो मै नहीं !!
छाया ही तो है ! तेरी ही धुल  में !!
आईने में दिखता मगर मै पर मै नहीं कुछ और है
तोड़ दे ये फोड़ दे झूठा भरम जो कोई भी है !!


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