Sunday, March 11, 2012

हम यही से ही पाकर कहते है विज्ञान है !!

हम यही से ही पाकर कहते है विज्ञान है !!
न आसमा की चादर न कण में कोई ज्ञान  है  !!
लटक कर बिचमे  मस्त बन कर  शराबी !!
नशे में धूर्त हो कर कहे मै हु बड़ा  शिकारी !!
आसमा से बाते करता वो अबुध को शायद
मालूम होती  होगी  ये बात भी सारी !!



No comments:

Post a Comment