ये पत्थर बोलते है
यहाँ बूतो का मेला है क्या
न जाने कैसा ये जादू है
खामोश भी हो जाते है ये
जिंदगी बोलती रहती है
क्या मौत ख़ामोशी है
या बोलती मुर्तिया सारी
बस कहती रहती है
उन तस्वीरों को देखो सब खामोश है
कुछ भी न बोलती बहोत कुछ कहती रहती है
चुप चाप सुनो ये आवाज़ आ ही रही है
यहाँ बूतो का मेला है क्या
न जाने कैसा ये जादू है
खामोश भी हो जाते है ये
जिंदगी बोलती रहती है
क्या मौत ख़ामोशी है
या बोलती मुर्तिया सारी
बस कहती रहती है
उन तस्वीरों को देखो सब खामोश है
कुछ भी न बोलती बहोत कुछ कहती रहती है
चुप चाप सुनो ये आवाज़ आ ही रही है
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