लो बन गया राम अब कोई कम नही
अब शाम नही संसार नही
जिन्दा मरकर कोई नाम नही
पत्थर को पूजे ये दुनिया जो
जिन्दा रह अपमान सही !!
----
समज शके न वो माया है ,समज शके वो पास
रहे अनेक जो तेरे है कोई अनाथ नही है !!
===
ज़ुल्म कर तू ज़ुल्म कर इतना नही कुछ और कर !
इतना बरस सैलाब में दिल डूब जाए उम्र भर !!
---
समजा सका नही पाउँगा मै प्यार को बह जाऊंगा
ऐसी गजब की रात बन मै दिल नही बन पाउँगा !!
---
तू कोई है अब वो नही अब आखरी क्या राज़ है ?
घर में तुम्हारे क्यो रहू लो दूर से आवाज़ है !!
No comments:
Post a Comment