कमाल तो देखो स्वप्न ये दुनिया निद्रा का मैं साक्षी !!
अरे ये साक्षी भी प्रभु का
आश्चर्यमे डूबे,माया में खोए, आकर्षित, गाफिल भोजन काल के
ज्ञान और धन साधन है साध्य नही ।क्योकि दोनों की वेल्यु बदलती ही जाएगी परिस्थितियों से । जैसे महगाई !!एक ही चीज़ दाम बदलते गए ।
सपने सभी याद नही रहते है । और कई विचार हम बिना काम के कर लेते है ।

मैंने एकबार देखा था एक आदमी कबूतरों को दाना डालता था। सब दाने खा रहे थे । बस उस आदमी को आत्मा समजो और कबूतरों को कोष । अर्थात हजारो लाखो की संख्या में कोष यह आत्मा नामके सूरज से जीवन प्रकाश पा रहे है । यह पूरा चित्र देह का है । जैसे एक मधुमख्खी का पुडा । विविध आकृतियां शेर मनुष्य पंखी बनाती है ।

the power of the GOD is at work.
એક બોલે રામ રામ એક બોલે કામ કામ
અર્જુન રાધા બની ગયો
આ આશ્ચરય તો જો
આ ચિત્ર માં રામ માં ભક્ત કામ માં કર્મી
અને આશ્ચર્ય માં ડૂબેલો જ્ઞાની બોલે રાધે રાધે
मन तोरी दिशा ही एक । आतम प्रकाश चहु ओर है ।
भूते भावी मजीद नही ।
No comments:
Post a Comment