मालूम है हमें
कोई नहीं आता यही पर
गीत गाता हू मै न जाने सुनाने किसको
बस झाँक के देख लेता हु अंदर
समंदर बड़ा बस युही न बना है !!
जब भी देखता हु बेसुनि करने वालो को
हालो हाल जो कर दिया याद करता हु
ये रोना सुनाना बस एक माया
हस दे जरा कौन कहता है जाना
...
तुझे क्या मिला तुझे क्या मिला
ये सफर में यु तलाश से
...
धरती दौड़त जाय क्षण क्षण
कवि की कविता सुन जरा
।।।।।
खुश रखने को आजमाते रहे हो खुद को
फर्क क्या है ख़ुर्शी नाखुशी से
गीत गाता हू मै न जाने सुनाने किसको
बस झाँक के देख लेता हु अंदर
समंदर बड़ा बस युही न बना है !!
जब भी देखता हु बेसुनि करने वालो को
हालो हाल जो कर दिया याद करता हु
ये रोना सुनाना बस एक माया
हस दे जरा कौन कहता है जाना
...
तुझे क्या मिला तुझे क्या मिला
ये सफर में यु तलाश से
...
धरती दौड़त जाय क्षण क्षण
कवि की कविता सुन जरा
।।।।।
खुश रखने को आजमाते रहे हो खुद को
फर्क क्या है ख़ुर्शी नाखुशी से
...
સબકો હિલમિલ ચાલીએ નદી નવ સંયોગ..ક્યાં સુધી?
જો આ પ્રશ્ન હોય તો તમે વાસ્તવ માં જગત સમજી શક્યા નથી.
કાગડો વાઘ બની જાય
અને બિલાડી રીંછ!!
એવું તો ક્યાં થી બને .
બધું જ સમું સુતરું જ રહે એવું જ !!!
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