हम यही से ही पाकर कहते है विज्ञान है !!
न आसमा की चादर न कण में कोई ज्ञान है !!
लटक कर बिचमे मस्त बन कर शराबी !!
नशे में धूर्त हो कर कहे मै हु बड़ा शिकारी !!
आसमा से बाते करता वो अबुध को शायद
मालूम होती होगी ये बात भी सारी !!
न आसमा की चादर न कण में कोई ज्ञान है !!
लटक कर बिचमे मस्त बन कर शराबी !!
नशे में धूर्त हो कर कहे मै हु बड़ा शिकारी !!
आसमा से बाते करता वो अबुध को शायद
मालूम होती होगी ये बात भी सारी !!
No comments:
Post a Comment