सज्जनों सूपड़ा पेठे दोष त्यागे गुण ग्रहे।
न तोड़ना है, न जोड़ना है !! हमे तो बस चुन चुन के छोड़ना है !! इस तरह की कोई गया ही नही !! जैसे दामन को बचाकर गुजर जाने में अच्छा है । ले न ले दुपट्टा मेरा इसलिए !! आगे दिन है गया वो तो गया दिन है ।
गुजरा हुआ ज़माना आता नही दुबारा । हाफिज खुदा तुम्हारा ।
ज्ञान और धन साधन है साध्य नही ।क्योकि दोनों की वेल्यु बदलती ही जाएगी परिस्थितियों से । जैसे महगाई !!एक ही चीज़ दाम बदलते गए ।
कमाल तो देखो स्वप्न ये दुनिया निद्रा का मैं साक्षी !!
अरे ये साक्षी भी प्रभु का
आश्चर्यमे डूबे,माया में खोए, आकर्षित, गाफिल भोजन काल के
सपने सभी याद नही रहते है । और कई विचार हम बिना काम के कर लेते है ।
એક બોલે રામ રામ એક બોલે કામ કામ
અર્જુન રાધા બની ગયો
આ આશ્ચરય તો જો
આ ચિત્ર માં રામ માં ભક્ત કામ માં કર્મી
અને આશ્ચર્ય માં ડૂબેલો જ્ઞાની બોલે રાધે રાધે